2025 में रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर क्यों हो रहा है ?
आजकल आप अक्सर सुनते होंगे कि रुपया गिर गया या डॉलर महंगा हो गया लेकिन आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। इसके पीछे क्या कारण हैं, इससे देश में महंगाई पर क्या असर पड़ता है और इससे एक आम नागरिक की जेब पर क्या असर पड़ता है जानिए आसान भाषा में समझते हैं ।
1. डॉलर के मुकाबले रुपया गिरने का मतलब क्या है ?
देखिये, मान लीजिये कि एक साल पहले 1 डॉलर = 80 रुपया, मतलब 1 डॉलर कि कीमत 80 रूपए के बराबर है लेकिन अब 1 डॉलर कि कीमत 85 रूपए तक पहुँच गयी है . तो हम कह सकते है रुपया कमज़ोर हुआ है या रूपए कि कीमत गिर गयी ।
2. 2025 में रुपया कमज़ोर होने के मुख्य कारण
- विदेशी निवेशको का भारत से पैसा निकलना
विदेशी कम्पनियां और निवेशक, भारत के बाज़ार से पैसा निकाल कर अमेरिका जैसे देशो में लगा रहे हैं जिससे डॉलर कि मांग बढ़ती हैं और भारतीय रूपया कमज़ोर होता है ।
- अमेरिकी ब्याज दरें बढ़ना
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से वहाँ के निवेशको को ज्यादा फायदा होता है और इसके चलते निवेशक भारत से पैसा निकाल कर अमेरिका में लगाते हैं ।
- कच्चे तेल (Cruid Oil) का महंगा होना
हम लोग जानते हैं कि भारत अपनी जरुरत का 85% कच्चा तेल विदेशो से खरीदता हैं और उसके लिए डॉलर कि आवश्यकता होती हैं जिसके चलते डॉलर कि मांग बढ़ती है और रूपया कमज़ोर होता रहता है ।
- ट्रेड घाटा (Trade Deficit) होना
भारत ज्यादातर सामान (goods) बाहर से मंगाता (import) है और बहुत कम सामान विदेशो में बेचता(Exports) है. जिससे डॉलर बाहर जाता रहता है और रुपया कमज़ोर होता जाता है ।
3. रुपये के कमज़ोर होने से आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा ?
मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सामान महंगे हो सकते हैं क्योंकि अधिकतर विदेश से मंगाए जाते हैं ।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाते हैं ।
विदेशी यात्रा और विदेश में पढाई महँगी हो जाती है ।
इम्पोर्ट करने वाली कंपनियों कि लागत बढ़ जाती है जिससे वस्तुएं महँगी हो जाती हैं ।
निष्कर्ष:
2025 में रूपया के कमज़ोर होने से विदेशी निवेश कम हो रहा है, कच्चा तेल महंगा हो रहा है देश में ज्यादा गिरावट से महंगाई बढ़ रही हैं जो कि देश के लिए ठीक नहीं है । हमें जरुरत है देश में आर्थिक स्थिरता लाने की और आत्म-निर्भरता बढ़ाने की । आपको क्या लगता है कि सरकार को कौनसे ख़ास कदम उठाने चाहिए. कमेंट करे और ब्लॉग को अपनी दोस्तों के साथ शेयर करें ।